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Saturday 29 April 2017

ग्रामसभा और ग्राम कोष हमारी शक्ति और संस्कृति है: रामदयाल


झारखण्ड के कोडरमा जिला के डोमचांच प्रखंड मुख्यालय से 15 किलो मीटर दूर सुदूरवर्ती पंचायत मसनोडीह के जिओरायडीह गाँव में स्वय सेवी संस्था संग्राम द्वारा सामुदायिक बैठक का आयोजन किया गया, बैठक की अध्यक्षता वार्ड सदस्य रामदयाल बिरहोर ने किया, बैठक को संबोधित करते हुए रामदयाल बिरहोर ने कहा की हमारे गाँव में पहले बहुत सारी समस्या थी जिस पर हमलोग कुछ नहीं कर पाते थे, पर संस्था के लोगो ने हमलोगों के बिच जब से आना जाना शुरू किया है बहुत बदलाव आया है, पर अब हाल में हमलोगों के पास आवास की प्रमुख समस्या है। अन्य लोगो ने यह अफवाह फैला दिया है की बिरहोर सीमेंट के घर में नहीं रहते , उन्हें कुप्पा ही पसंद है। पर उन्हें हम बताना चाहेंगे की कुप्पा हमरी संस्कृति है और परंपरा है जिससे हम अलग नहीं हो सकते पर हमारी बेहतर जीवन के लिए आवास जरुरी है। वही सुरेश बिरहोर ने कहा की पिछले बार कोडरमा उपायुक्त के पहल पर हमलोग मछली उपजाए थे तो वही प्रखंड विकास पदाधिकारी के सहयोग से मकई और लाहर का पैदावार किये थे,पर आज भी इस काम को ले कर हम स्थाई नहीं है इसके लिए हमें आगे प्रयास करने की जरुरत है, वही बैठक में संवाद रांची से आये राजकुमार जी ने महाराष्ट्र के मेढ़ालेखा गाँव के ग्रामसभा मजबूती की बात बताई। जिस पर रामदयाल बिरहोर ने कहा की उस गाँव की तरह हम भी अपने गाँव के ग्रामसभा को मजबूत करेंगे और हमारे गाँव की खोई हुई संस्कृति को पुनर्जीवित करने के लिए ग्राम कोष का गठन कर बचत करेंगे। वही संग्राम संस्था के सचिव ओंकार विश्वकर्मा ने कहा की गाँव की समस्याओ को चिन्हित कर एक बार और विभागीय पदाधिकारी को अवगत कराएँगे ताकि समस्याओ का हल कर जीओरायडीह को एक आदर्श ग्राम के रूप में जिले में स्थापित किया जा सके।
बैठक में प्रदीप बिरहोर, संजू बिरहोरनी,सुमा बिरहोरनी,बिल्टू बिरहोर, महेन्द्र बिरहोर,नीलमणि बिरहोरनी, बिसनी बिरहोरनी,सुनीता बिरहोरनी,के अलावे दर्जनों बिरहोर उपस्थित थे, बैठक के समापन सुरेश बिरहोर ने किया।

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