स्वयं सेवी संस्था
संग्राम व मानवाधिकार जन निगरानी समिति के संयुक्त तत्वाधान में डोमचाॅच प्रखण्ड
के मसनोडीह पचायत के सुदुरवर्ती गाव जियोरायडीह में जनजातिय समुदाय के बच्चों के
बीच मानवाधिकार दिवस के अवसर पर चित्रकला प्रतियोगिता का अयोजन किया गया जिसमें जन
जातिय समुदय के बच्चों ने बढ चढ कर भाग लिया। कार्यक्रम का शुभारम्भ करते हुए
मानवाधिकार कार्यकर्ता ओंकार विश्वकर्मा ने कहा कि आज झारखण्ड में आदिवसीयों के
कल्याण के लिए हर तरह का प्रलोभन दे कर सभी पार्टी अपनी रोटी सेंक रही है। वही
राज्य से आदिवासी लडकियों को महानगरों में बेचने मानवा तस्करी का सिलसिला जारी है।
जिस आदिवासी समाज के नाम पर झारखण्ड का अस्तित्व है। आज उसी का अस्तित्व खतरे में
है। वही बसंत मेहता ने कहा कि राज्य में बिरहोर समुदाय का विकास के लिए करोडो रुपये पडे है। और ईन पैसों
का विभागीय स्तर पर ही बंदरबाट हो जा रहा है। जो यह साफ दर्शाता है। कि राज्य में
बगैर इमरजेंसी के ही मानव अधिकार का हनन हो रहा है। आज जन जातिय समुदाय पत्ते की
झोपडी मे रहने को
विवश है। जियोरायडीह के बिरहोर परिवार को एकडो एकड जमीन दी गई
है। पर खेती करने के उपरकरण न देने के कारण यह सारी जमीन परती है। संस्था से जुड
कर बिरहोर बच्चों के शिक्षा पर कार्य कर रहे आशीष कुमार ने बच्चों के बीच मानव
अधिकार से जुडे पेंटिंग बनवाये व उन्हे पुरस्कृत किया गया।
उक्त कार्यक्रम में मानवाधिकार
कार्यकर्ता विमल एक्युरेसी,
संजय कुमार, के साथ दिनेश
बिरहोर,नरेश बिरहोर,बिक्की बिरहोर, राजेश बिरहोर, खुशबु बिरहोरनी
मालिन बिरहोरनी, संगीत बिरहोरनी, नन्हकी बिरहोरनी, सरस्वती बिरहोरनी, आनंद बिरहोर, मनोज बिरहोर, पंकज बिरहोर
सरिता बिरहोरनी, के साथ ग्राम
प्रधान बिरसा बिरहोर उपस्थित थे। धन्यवाद ज्ञापन वंदना चंद्रवंशी ने की ।
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