नैना देवी पति मुकेश साव निवासी खरागडीहा थाना जमुआ जिला गिरिडीह झारखण्ड के बिच पिछले तीन सालों से पारिवारिक विवाद चला आ रहा था। नैना के अनुशार उसकी सास व् गोयतनी बात बात पर उसे प्रताड़ित करती थी जिससे नैना मानसिक रूप से परेशान रहती थी और वह अपने पति से भी शिकायत नहीं कर पाती थी,नैना जब ज्यादा परेशान हो जाती थी तब अपने मायके जाने की बात कहती थी जिस कारण उसके पति उसे डांटते थे, इस हिंसा से नैना परेशान हो गई थी और धीरे धीरे हिंसा बढता चला गया और हद तब हो गया था जब उसकी गौतनी ने उसे जला कर मारने की बात कही थी, तब नैना मायके आ रही थी की इसी बिच उसकी उसकी गौयतनी व् सास उसे नहीं आने देने के लिए मार पीट की थी, यह सब नैना के साथ पिछले 3 साल से लगातार होते आ रहा था. उक्त मामले को नैन कुमारी ने संस्था को आवेदन दे कर कार्यवाही की मांग की थी। मामले में पहल करते हुए संग्राम संस्था द्वारा मुकेश साव और उसके परिवार के सदस्यों को संस्था कार्यालय में संस्था के सदस्य अधिवक्ता नाजिर खान द्वारा काउंसेलिंग किया गया। जिसमे नयना के मानसिक हालत ठीक नहीं होने और उसे इस तरह की यातना नहीं देने की सलाह अधिवक्ता नाजिर खान द्वारा काउंसेलिंग में मुकेश व् उसके परिवार वालो को दी गई, जिसके बाद मुकेश कुमार ने अपनी पत्नी को मान सम्मान के साथ रखने व् भय मुक्त वातावरण देने की बात कह कर संग्राम कार्यालय से ही अपनी पत्नी को विदा करा कर ले गया।संस्था द्वारा उन्हें खुशहाल जीवन जीने के कई सूत्र बताये और उनके मंगल जीवन की सुभकामनाये
दिए।
दिए।
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